Tuesday 23 December 2014

ज़िन्दगी

जिन्दगी

थोड़ी उलझी सी है ज़िन्दगी मेरी
थोड़ी सादगी सी है ज़िन्दगी मेरी
हर पल एक नए इमतिहान से गुजरती हूँ मै
इसलिए इतनी सहमी सी है ज़िन्दगी मेरी
यूं तो आते रहते है मोड़ हर राह पर 
पर कुछ ठहरी सी है ज़िन्दगी मेरी
बहुत कुछ सिखा है मैंने तन्हाइयों से अपनी 
इसलिए इतना ठहरी है ज़िन्दगी मेरी 
By Neha Sharma



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