ममतामयी माँ
शीतलता की छाँव है उसमे
हर बात बिन कहे समझी है जिसने
वो मर्दुलता की मूरत है
सारी दुनिया की पवित्रता समायी है जिसमे
हर दुःख झेल लेती है जो
हर आह सही है जिसने
वो सहनशील भी इतनी है
दरिया की सकती है जिसमे
लोगो ने माँ का नाम दिया है उसको
ममता इतनी भरी है उसमे
By Neha sharma
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