Friday 17 August 2012

मजबूरी दिल की



मजबूरी दिल की 

मोहब्बत की तो बहुत पर बता न सके 

अपने दिल की बात उनको जता न सके

सोचते रह गए की बोल देंगे एक दिन सब उनको 

पर इस दिल के अरमान हम जता ना सके 

खुशबु से उनकी दिल महक जाता है अक्सर 

पर सामने आने पर हाले दिल अपना सुना न सके 

सोचते है अक्सर तन्हाई में उनके बारे में 

पर हाल क्या है हमारा उनके बिन ये बता न सके 

ज़िन्दगी खूबसूरत होती अगर वो पास होते अभी 

मगर ये बात हम उनको बता न सके 

मिल जाओ मुझको जिंदगी संवर जाये मेरी

बस इतनी सी बात उनको समझा ना सके 

by- neha sharma



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