Tuesday 22 May 2012

अरमाँ


अरमाँ


उनको  बताना  नहीं आता,

मुझको  जताना नहीं  आता,

मोहब्बत  करते  है  उनको इतनी,

ये समझाना नहीं  आता ।

होंठ  सिल  जाते  है  अक्सर जब उनसे बात होती है ,

और वो नादान समझते है हमे, कुछ  बताना नहीं  आता ।

इस  दिल  की बेचैनी वो समझ नहीं पाते ,

और  हमे खामोश  रहकर प्यार जताना नहीं आता ।

लिख़  रही हूँ चंद लफ्ज मोहब्बत के ,

फिर मत कहना की तुम्हे अपना बनाना नहीं आता ।

इस  दिल  में अरमाँ बहुत है आपको पाने के ,

बस  क्या करे हमे उनको बताना नहीं आता ।



Created By - Nehha Sharma || May 2012


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